” क्यूँ मुश्किलों में साथ देती हैं सहेलियाँ
क्यूँ गम को बाँट लेती हैं सहेलियाँ
न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है
फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देती हैं सहेलियॉ ”
क्यूँ गम को बाँट लेती हैं सहेलियाँ
न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है
फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देती हैं सहेलियॉ ”
दिल से…
सहेलियों के लिए…
सहेलियों के लिए…
माँ ने कहा था कभी किसीका दिल मत तोडना,,
इसलिए हमने दिल को छोड के बाक़ी सब तोड़ा !!
इसलिए हमने दिल को छोड के बाक़ी सब तोड़ा !!